कई बार हम सोचते है - हमारे प्रार्थनाओ के उत्तर क्यों नहीं हमें मिलती ?
कुछ बाधाओ को मै आपके सामने रखना चाहता हूँ, जिसके वजह से आप प्रभु की और से एक चमत्कार नहीं देख पा रहे हो, या आपको महसूस हो रहा हो, की मेरी प्रार्थनाये अनसुनी क्यों है... शायद आपके अनुभव में इस से अधिक आपको जानकारी होंगे। कुछ कारणों को मै आपके सामने रखना चाहता हु।
हमारी प्रार्थना के उत्तर हमें तब नहीं मिलती या तब देर होती है,
१. जब हम वायदों से बढकर चिन्हों के पीछे भागते है। जब हम उसके वचन या वायदों पर विश्वास नहीं करते है।
२. जब हम परमेश्वर से बढकर, डाक्टारो पर भरोसा रखते है।
३. जब हम परमेश्वर के ताकत की परीक्षा करते है।
४. जब हम पाप करके प्रभु से दूर हो गए हो।
५. जब हम हमारे गलतियों को काबुल नहीं करते है।
६. जब हम क्षमा नहीं करते है।
७. जब हम डरते रहते है, और डर को हम पर काबू करने देते है।
८. जब हम परिस्तिथियो पर नज़र रखते है।
९. जब हम तंदुरुस्ती से भी बढकर (या ना ध्यान देते हुवे) चंगाई के लिए प्रार्थना करते है।
१०. जब हम बिना वजह के बेचैन होते रहते है।
११. जब हमारा विश्वास कमजोर होता है, या हम विश्वास बढाने का प्रयत्न नहीं करते।
१२. जब प्रार्थना और उपवास कम हो जाता है।
१३. मसीह के सेवको को जब हम नकारते है, या उनकी सुनते नहीं है, या उनका अनादर करते है।
१४. जब हम मसीह के क्रूस के काम को समाज नहीं पाते।
१५. जब हम उसकी इच्छा न समजते हुवे मांगते है।
१६. जब हमारा धरती पर का समय पूरा हो चूका होता है।
यदि किसी भी तरह की रूकावट आपके जीवन में है, तो प्रभु के पास ले जाकर, अपने दिल की अवस्था को प्रभु के सामने काबुल करे, प्रभु तुम्हे स्वीकार करेगा और अपने प्रेम से हमें भर देगा और आपके प्रार्थनाओ का उत्तर प्रभु ज़रूर देगा।
इस के अलावा भी आप को यदि को रुकावट याद आ रही हो, तो ज़रूर कमेंट करे।
यदि आप आशीष पाए हो, तो इसे ज़रूर शेयर करे।
कुछ बाधाओ को मै आपके सामने रखना चाहता हूँ, जिसके वजह से आप प्रभु की और से एक चमत्कार नहीं देख पा रहे हो, या आपको महसूस हो रहा हो, की मेरी प्रार्थनाये अनसुनी क्यों है... शायद आपके अनुभव में इस से अधिक आपको जानकारी होंगे। कुछ कारणों को मै आपके सामने रखना चाहता हु।
हमारी प्रार्थना के उत्तर हमें तब नहीं मिलती या तब देर होती है,
१. जब हम वायदों से बढकर चिन्हों के पीछे भागते है। जब हम उसके वचन या वायदों पर विश्वास नहीं करते है।
२. जब हम परमेश्वर से बढकर, डाक्टारो पर भरोसा रखते है।
३. जब हम परमेश्वर के ताकत की परीक्षा करते है।
४. जब हम पाप करके प्रभु से दूर हो गए हो।
५. जब हम हमारे गलतियों को काबुल नहीं करते है।
६. जब हम क्षमा नहीं करते है।
७. जब हम डरते रहते है, और डर को हम पर काबू करने देते है।
८. जब हम परिस्तिथियो पर नज़र रखते है।
९. जब हम तंदुरुस्ती से भी बढकर (या ना ध्यान देते हुवे) चंगाई के लिए प्रार्थना करते है।
१०. जब हम बिना वजह के बेचैन होते रहते है।
११. जब हमारा विश्वास कमजोर होता है, या हम विश्वास बढाने का प्रयत्न नहीं करते।
१२. जब प्रार्थना और उपवास कम हो जाता है।
१३. मसीह के सेवको को जब हम नकारते है, या उनकी सुनते नहीं है, या उनका अनादर करते है।
१४. जब हम मसीह के क्रूस के काम को समाज नहीं पाते।
१५. जब हम उसकी इच्छा न समजते हुवे मांगते है।
१६. जब हमारा धरती पर का समय पूरा हो चूका होता है।
यदि किसी भी तरह की रूकावट आपके जीवन में है, तो प्रभु के पास ले जाकर, अपने दिल की अवस्था को प्रभु के सामने काबुल करे, प्रभु तुम्हे स्वीकार करेगा और अपने प्रेम से हमें भर देगा और आपके प्रार्थनाओ का उत्तर प्रभु ज़रूर देगा।
इस के अलावा भी आप को यदि को रुकावट याद आ रही हो, तो ज़रूर कमेंट करे।
यदि आप आशीष पाए हो, तो इसे ज़रूर शेयर करे।
Comments
Post a Comment