भाग १ का सिलसिला
पिछले भाग में हमने कवच पहने रहने के कुछ कारण देखे और कवच के २ हत्यारों में बारे में सीखे थे, यहाँ हम उसका अगला भाग सीखेंगे।
३. विश्वास की ढाल - युद्ध में ढाल एक ऐसा हत्यार है, जिस के उपयोग से, वार किया जाने वाले सारे हत्यारों के हानी से एक योद्धा बचता है, यदि सही दिशा में उसे फेरते है। उसी प्रकार, हमारे मसीह जीवन में विश्वास एक ढाल के समान है, जो शैतान के हर प्रकार के वार से हमें बचाता है। उसे सही तरीके से इस्तेमाल करने हम वचन से सीखे, अर्थात् हमें कभी और कहाँ अपने ज़बान से विश्वास के वचन बोलकर हमारे मुसीबतों पर विजय पाना है, इसका हमें फैसला लेना है। निराशा, हार, दुखी वचनों को त्यागना है, और जीवन के वचन हमारे होठो से हमें बोलना है।
४. कमर पर सत्य का फेंटा: कवच के बारे में लिखने पर, सबसे पहले बताया हुवा हत्यार है - सत्य का फेंटा, जिससे हम यह सीखते है, कि सत्य ही हमें स्तिर रख सकती है। अटल खड़े रहने के लिए, हमें सत्य को थामे रहना ज़रूरी है। हमारी जान जाए तब भी हमें सत्य को पकडे रखना है, वह चाहे वचन की सच्चाई हो, या जीवन की सच्चाई हो, या एतियासिक सच्चाई को। बाइबिल कहती है - तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगा।
५. परमेश्वर के सन्देश रूपी आत्मा का तलवार: यह एक ऐसा हत्यार है, जो सामने से वार करने इस्तेमाल किये जाता है। प्रार्थना और वचन को छोड़ कर बाकी सारे हत्यार हमारे ऊपर होने वाले वार से बचने के लिए है, तब वचन एक ऐसा हत्यार है, जो हमें शैतान के शहरपनाह और फाटकों पर वार करने के लिए इस्तेमाल करना है। इस लिए जो आत्मिक युद्ध करता है, या सेवकाई करता है, उसे ज़रूरी है की वचन में वह तेज़ और निपूण हो। यीशु मसीह ने खुद शैतान से परीक्षा किये जाने पर इस्तेमाल किया हुवा हत्यार - प्रभु का वचन था, क्योंकि वह इस प्रकार कहता रहा : लिखा है....., लिखा है....., लिखा है...
६. शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्पर्यता के जूते: सुसमाचार सुनाना, आत्मिक युद्ध में क्या मायने रखता है? सुसमाचार वचन का एक हिस्सा है और पौलुस की भाषा में : "रोमियो १:१६ - सुसमाचार.. परमेश्वर का सामर्थ है।" यीशु मसीह पापियों को बचाने और उन्हें उद्धार देने दुनिया में जन्म लिया, यह बात, शैतान कभी चाहता नहीं है, की दुनिया जाने। शैतान कभी चाहता नहीं की हम परमेश्वर के प्रेम के बारे में, लोगों के जीवन में शांति और आनंद प्राप्त करने के बारे में, यीशु मसीह ही जीवित परमेश्वर है, इस खबर हम दुनिया को बताये। सो जब हम इस अच्छे सन्देश (सुसमाचार) बताने के लिए तैयार होते है, शैतान कांपता है और वह भागता है।
७. प्रार्थना: सबसे खतरनाक और सबसे ज्यादा ठुकराया गया हत्यार है प्रार्थना। जब एक मसीही प्रार्थना करता है, बाइबिल से हम सीखते है - २ इतिहास ७:१४, १५ में, की, परमेश्वर बंद किये हुवे स्वर्ग को खोलता है, प्रभु स्वयं प्रार्थना को सुनता है, पापो को क्षमा करता है और यहाँ तक की हमारे प्रार्थना से प्रभु हमारे देश को अच्छा कर देता है। परमेश्वर हमारे लिए अपने आँखों और कानो को खोल देता है।
इस महान परमेश्वर ने हमें चुना और हमारे शत्रुओ को कलवारी क्रूस पर हरा दिया, ताकि हम केवल उस जीत की अवकाशों को अवकाश करे। जो क्रूस पर यीशु ने हमारे लिए किया, उसकी तुलना हम किसी के साथ नहीं कर सकते। हमारे आत्मिक जीवन में आने वाले आत्मिक युद्ध को इन हत्यारों से बल से विजय को पाए। बाइबिल में लिखा है - इफिसियों ६: १२ क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है। वचन में लिखा है - जो विजय पता है, उसे परमेश्वर प्रतिफल देगा।
इन वचनों से प्रभु हमें आशीष करे। :
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