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मसीह का चरित्र - मसीही प्रेम

मसीही चरित्र के बारे में सीखना आज की पीढ़ी के लिए एक ज़रुरती उपदेश और हमारे कलीसिया के लिए विशेष एक सिखने का दौरा बना है |

हम मसीही प्रेम के बारे में शुरू करेंगे | १ कुरिन्थियों १३:४-७ और इफिसियों ५:१-२

हम कई तरह के प्रेम के बारे में जानते है | प्राचीन यूनानी में, सात यूनानी शब्द और उसके अर्थ - रैना नईम के इस लेख से हमें सिखने मिलती है |

प्रेम पाप से प्रसन्न नहीं होता - मसीही प्रेम की असली पहचान इस विषय पर है |

परिभाषा
युहन्ना १४:१५ के आधार पर मै मसीही प्रेम की परिभाषा इस प्रकार देना चाहता हूँ - मसीही प्रेम - परमेश्वर के वचनों का आज्ञाकारी होना है |

वचन का मनन
१ कुरिन्थियों १३:७ वे कलम से हम सीखते है की मसीही प्रेम सब कुछ ढाँक देता है, सब कुछ पर विश्‍वास करता है, सब कुछ की आशा करता और सब कुछ सह लेता है | क्या हम सचमुच सब कुछ ढाँकते है?? क्या हम सब कुछ पर विश्‍वास करते है?? मै जब आशा के विषय में लिखता हूँ, बार बार किसी विषय पर बात और चर्चा करने के बावजूद, क्या हम कुछ फरक या बदलाव होने की आशा और उम्मीद रखने के लिए तैयार है?? जब मै सहन करने की बात करू, तो क्या हम प्राण खोने तक सहन करने जितना प्रेम ले चलते है ?? बहुत ही कठिन और नामुमकिन लगता है न, परन्तु यही है मसीही प्रेम का आदर्श |


मसीही प्रेम का प्रभाव 
प्रेम निर्माण करता है - १ कुरिन्थियों ८:१
प्रेम हमें प्रेरित और प्रफुल्लित करता है - २ कुरिन्थियों ५:१४
प्रेम के द्वारा हम परमेश्वर की व्यवस्था को पूरा करते है - गलातियो ५: १३,१४
प्रेम से हमारी उन्नति, परिपूर्णता और निर्माण होता रहता है - इफिसियों ५:१५,१६
प्रेम हमें गहरी मसीही प्रकाशन पर पहुंचाती है - फिलिप्पियो १:९

हम मसीह के प्रेम में बढते रहे |



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